NCP Party Crisis: लोकसभा चुनाव से पहले चुनाव आयोग ने अजित पवार गुट को असली एनसीपी करार दिया और महाराष्ट्र की सियासत में हलचल तेज हो गई. चुनाव आयोग के इस फैसले के साथ पार्टी का नाम और चुनाव चिन्ह भी अजित पवार के पास आ गया है. इसी बीच महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का बयान सामने आया है. उन्होंने अजित पवार को बधाई देते हुए कहा कि ये बहुत ही अपेक्षित निर्णय था. अगर आप बीते 10-15 साल में ऐसे मामलों में चुनाव आयोग के निर्णय देखें, तो वो इसी प्रकार के हैं. हम सबका विश्वास था कि एनसीपी अजित पवार को ही मिलेगी, क्योंकि उनके पास बहुमत और संगठन दोनों का साथ है.
उप मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि 2019 में लोकतंत्र के साथ एक छलावा किया गया था. एक मैनडेट को तोड़ा गया था, जनता के साथ धोखा किया गया था. हालांकि, लोकतंत्र की क्या ताकत होती है यह चुनाव आयोग के निर्णय ने दिखा दिया है.
गौरतलब है कि राज्यसभा चुनाव के मद्देनजर चुनाव आयोग ने शरद पवार को अपने नए राजनीतिक गठन का नाम रखने के लिए विशेष छूट दी है. 6 महीने से ज्यादा समय तक करीब 10 सुनवाइयों के बाद चुनाव आयोग इस नतीजे पर पहुंचा कि अजित पवार गुट को आधिकारिक एनसीपी माना जाएगा. पार्टी सिंबल घड़ी भी अजित पवार को मिल गया है.
जानकारी के लिए बता दें कि साल 2023 के 2 जुलाई को एनसीपी में विभाजन हुआ और अजित पवार अपने खेमे के विधायकों के साथ एनडीए में शामिल हो गए. उन्हें देवेंद्र फडणवीस के साथ महाराष्ट्र का उप मुख्यमंत्री बनाया गया. राकांपा से अलग होने के बाद अजित पवार ने पार्टी नाम और सिंबल पर दावा ठोक दिया और मामला चुनाव आयोग तक पहुंच गया.लोकसभा चुनाव से पहले चुनाव आयोग ने अजित पवार गुट को असली एनसीपी करार दिया और महाराष्ट्र की सियासत में हलचल तेज हो गई. चुनाव आयोग के इस फैसले के साथ पार्टी का नाम और चुनाव चिन्ह भी अजित पवार के पास आ गया है. इसी बीच महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का बयान सामने आया है. उन्होंने अजित पवार को बधाई देते हुए कहा कि ये बहुत ही अपेक्षित निर्णय था. अगर आप बीते 10-15 साल में ऐसे मामलों में चुनाव आयोग के निर्णय देखें, तो वो इसी प्रकार के हैं. हम सबका विश्वास था कि एनसीपी अजित पवार को ही मिलेगी, क्योंकि उनके पास बहुमत और संगठन दोनों का साथ है.