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नीतीश की वापसी हुई, लेकिन चिराग-मांझी ने रखी शर्तें:LJP का सीटों पर समझौते से इनकार; HAM ने 2 मंत्री पद मांगे

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नीतीश कुमार की NDA में वापसी कराने के बाद अब BJP बिहार में अपनी सहयोगी पार्टियों को साधने में जुटी है। 27 जनवरी, यानी बीते शनिवार को दिल्ली में गृह मंत्री अमित शाह और BJP के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और सांसद चिराग पासवान से मुलाकात की। इस दौरान चिराग ने नीतीश को लेकर अपनी राय रखी।
LJP (रामविलास) के सूत्रों के मुताबिक, पार्टी चाहती है कि बिहार में NDA का कॉमन मिनिमम प्रोग्राम बने और उसी के आधार पर सरकार चले। चिराग सिर्फ नीतीश कुमार के सात निश्चय योजना के आधार पर सरकार चलाए जाने के पक्ष में नहीं हैं।
चिराग हमेशा से सात निश्चय योजना में भ्रष्टाचार के आरोप लगाते रहे हैं। उनका मानना है कि ये सिर्फ JDU और महागठबंधन का एजेंडा है। चिराग की मांग है कि उनके ‘बिहार फर्स्ट-बिहारी फर्स्ट’ एजेंडे को भी NDA सरकार के एजेंडे में शामिल किया जाए।
हालांकि चिराग ने ये भी साफ किया कि उनका नीतीश कुमार से कोई निजी झगड़ा नहीं है, लेकिन वे नीतियों से समझौता नहीं करेंगे। अगर नीतीश कुमार जिद पर न अड़ें, तो एक प्लेटफॉर्म पर आने में उन्हें कोई दिक्कत नहीं है। इतना ही नहीं, चिराग ये भी चाहते हैं कि JDU के आने के बाद भी उनके कोटे की सीटों की संख्या कम न हो।पार्टी के सूत्रों का कहना है कि BJP जिसे लाना है लाए, लेकिन LJP (रामविलास) सीटों से समझौता नहीं करेगी। सीटों पर बात नहीं बनी तो पार्टी फिर 2020 विधानसभा चुनाव की तरह BJP के साथ और JDU के खिलाफ चुनाव लड़ेगी। पार्टी JDU कोटे की 17 और अपने कोटे की 6 सीट मिलाकर 23 सीटों पर चुनाव लड़ेगी।
हालांकि पार्टी सूत्रों ने RJD के साथ जाने की किसी भी तरह की संभावना को नकारते हुए कहा कि वे PM मोदी का साथ किसी कीमत पर नहीं छोड़ेंगे।2019 के लोकसभा चुनाव में JDU और LJP, दोनों NDA का हिस्सा थे। तब BJP और JDU ने कुल 40 में से 17-17 और LJP ने 6 सीटों पर चुनाव लड़ा था। तीनों ने मिलकर 39 सीटें जीती थीं। एक सीट कांग्रेस को मिली थी।चिराग का मानना है कि वो बहुत धोखा खा चुके हैं, अब और नहीं खाएंगे। BJP बड़ी पार्टी है, इसलिए वो सीटों को एडजस्ट कर सकती है, लेकिन अगर वो LJP (रामविलास) की सीटों से कॉम्प्रोमाइज करेगी तो हमारे पास कोई स्पेस नहीं है। इसलिए अगर नीतीश कुमार आ रहे हैं, तो BJP कॉम्प्रोमाइज करे न कि चिराग पासवान।
मांझी भी BJP के साथ, लेकिन दो मंत्री पद मांगे
उधर, केंद्रीय मंत्री नित्यानन्द राय और फिर BJP प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी शनिवार को सहयोगी पार्टी हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा, यानी HAM के नेता जीतन राम मांझी को मनाने पहुंचे। मांझी ने साफ किया है कि वो PM मोदी के साथ ही रहेंगे, लेकिन उनकी पार्टी ने शनिवार को ही विधायक दल की मीटिंग के बाद नई सरकार में दो मंत्री पद की मांग कर दी।जीतन राम मांझी के घर के बाहर पोस्टर लगा दिए गए हैं कि ‘बिहार में बहार है, बिन मांझी सब बेकार है’। हम पार्टी के मुख्य राष्ट्रीय प्रवक्ता श्याम सुन्दर शरण ने नई सरकार में पार्टी के लिए कम से कम 2 मंत्री पद की मांग की।

उन्होंने कहा, ‘हमारी पार्टी गरीबों की बात करती है। ऐसे में हमें कम से कम 2 मंत्री पद जरूर मिलने चाहिए। यह हमारी शर्त नहीं, कार्यकर्ताओं और समर्थकों की मांग है। वैसे हम बगैर किसी पद के भी प्रधानमंत्री जी के साथ मुस्तैदी से खड़े हैं।’ सूत्रों के मुताबिक जीतन राम मांझी लोकसभा की 6 सीटों पर दावा कर सकते हैं।वहीं, राष्ट्रीय लोक जनता दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा ने नीतीश कुमार की विश्वसनीयता पर सवाल किया। उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि सहयोगी दलों के मन में नीतीश कुमार को लेकर जो संशय है, उसको दूर करने की जिम्मेदारी BJP की है।

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