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डायरेक्टर ने ऑफर की थी गार्ड की नौकरी:डैनी डेन्जोंगपा ने बेइज्जती का लिया था बदला, ‘शोले’ में गब्बर का रोल ठुकरा दिया था

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हिंदी सिनेमा के मशहूर विलेंस में से एक डैनी डेन्जोंगपा 76 साल के हो चुके हैं। वे हिंदी के साथ नेपाली, तमिल, तेलुगु और हॉलीवुड फिल्मों में भी एक्टिंग कर चुके हैं। उन्होंने कांचा चीना, बख्तावर, खुदाबख्श जैसे किरदार पर्दे पर निभाए और दर्शकों के बीच लोकप्रिय हुए।

सिक्किम में जन्मे डैनी ने बॉलीवुड में अपने लिए एक खास जगह बनाई है। अन्य स्ट्रगलर्स की तरह उनके भी शुरुआती दिन स्टूडियो और प्रोड्यूसर के दफ्तरों के चक्कर काटने में बीतते थे और रातें जहां भी जगह मिल जाए।

डैनी ने फिल्मी करियर की शुरुआत 1971 में आई फिल्म ‘मेरे अपने’ से की। खलनायिकी के लिए मशहूर डैनी ने अपनी डेब्यू फिल्म में पॉजिटिव किरदार निभाया था। 1973 में उन्होंने बीआर चोपड़ा की फिल्म ‘धुंध’ में पहली बार नेगेटिव कैरेक्टर प्ले कर सुर्खियां बटोरी। डैनी ने तकरीबन 190 फिल्में की हैं।

उन्हें ब्लॉकबस्टर फिल्म ‘शोले’ में गब्बर सिंह का रोल ऑफर हुआ था। लेकिन उन्होंने इस रोल को करने से मना कर दिया था क्योंकि उनके पास डेट्स की कमी थीडैनी का जन्म 25 फरवरी 1948 को सिक्किम में हुआ था। डैनी का असली नाम Tshering Pentso है। उनकी पढ़ाई-लिखाई बिरला विद्या मंदिर और सेंट जोसफ कॉलेज, दार्जिलिंग में हुई थी। उन्हें डैनी नाम जया भादुड़ी ने दिया था जब दोनों FTII में बैचमेट थे। डैनी के परिवार में कोई फिल्मों से नहीं जुड़ा था लेकिन डैनी को फिल्मी दुनिया लुभाती थी।

यही वजह थी कि उन्होंने सिक्किम से निकलकर मुंबई का रुख करने का फैसला किया लेकिन इससे पहले उन्होंने एक्टिंग सीखने के लिए FTII में एडमिशन लिया। कोर्स पूरा करके डैनी स्ट्रगल करने के लिए मुंबई आ गए।

एक दिन की बात है जब डैनी को मालूम चला कि फिल्म डायरेक्टर मोहन कुमार की फिल्म ‘आप आए बहार आई’ के लिए कुछ फ्रेश चेहरों की तलाश में हैं। डैनी उनसे मुलाकात करने के लिए मुंबई में जुहू स्थित उनके बंगले पर चले गए। बंगले पर सिक्किम से कई गार्ड थे। उनकी डैनी से अच्छी बातचीत हो गई जिसके बाद उन्होंने डैनी को बंगले में अंदर जाने दिया।

डैनी अंदर गए तो मोहन कुमार उनसे मिले। डैनी ने उनसे एक्टर बनने की ख्वाइश जताई। ये सुनकर मोहन कुमार जोर-जोर से हंसने लगे।

उन्होंने डैनी से कहा, मेरे बंगले में गार्ड की नौकरी है, वो करोगे। डैनी को इस बात का बेहद बुरा लगा जिसके बाद उन्होंने मोहन कुमार से कहा, एक दिन मैं इतना बड़ा स्टार बनूंगा कि आपके बंगले के बगल में मेरा बंगला होगा। डैनी की ये बातें आगे चलकर सच साबित हुईं। सक्सेस पाने के बाद उन्होंने मोहन कुमार के बंगले के बगल में ही अपना बंगला बनाकर उन्हें करारा जवाब दिया।

पहली फिल्म में निभाया पॉजिटिव रोल

डैनी ने फिल्मी करियर की शुरुआत 1971 में आई फिल्म ‘मेरे अपने’ से की थी। इस फिल्म में डैनी ने पॉजिटिव किरदार निभाया था। 1973 में उन्होंने बीआर चोपड़ा की फिल्म ‘धुंध’ में पहली बार नेगेटिव कैरेक्टर प्ले निभाकर सबका ध्यान खींचा।डैनी को 1975 में आई ब्लॉकबस्टर फिल्म ‘शोले’ में गब्बर सिंह का रोल ऑफर हुआ था। लेकिन उन्होंने इस रोल को करने से मना कर दिया था।
दरअसल, जब उन्हें शोले के डायरेक्टर रमेश सिप्पी ने फिल्म ऑफर की तब वे फिरोज खान की फिल्म ‘धर्मात्मा’ साइन कर चुके थे।फिरोज खान ने अफगानिस्तान में शूटिंग की परमिशन ले ली थी इसलिए शूटिंग भी टाली नहीं जा सकती थी। ऐसे में डेट्स की कमी के चलते उन्हें गब्बर का रोल ठुकराना पड़ा।
एक इंटरव्यू में डैनी ने इस बारे में कहा था, ‘मुझे गब्बर के रोल के लिए ना कहने का कोई मलाल नहीं था। वो इसलिए क्योंकि ‘शोले’ के बाद अमजद खान की प्राइस बढ़ गई थी और इससे मेरी फीस भी अपने आप बढ़ गई थी।डैनी ने अपन करियर में करीब 190 फिल्मों में काम किया है। हॉलीवुड सुपरस्टार ब्रैड पिट के साथ 2003 में आई फिल्म ‘सेवन ईयर्स इन तिब्बत’ में भी उनके काम की खूब तारीफ हुई थी।

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