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चंडीगढ़ में किसान और सरकार के बीच बैठक आज:किसान नेता बोले- केंद्र को आवाज सुननी पड़ेगी, अन्यथा जो होगा ठीक नहीं होगा

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पंजाब के किसानों के दिल्ली कूच का आज (15 फरवरी) तीसरा दिन है। फसलों के लिए MSP की गारंटी समेत बाकी मांगें पूरी कराने के लिए वह हरियाणा के शंभू बॉर्डर पर डटे हुए हैं। यहां हरियाणा पुलिस ने 7 लेयर की बैरिकेडिंग और आंसू गैस के गोले छोड़कर 3 दिन से किसानों को रोका हुआ है।

हरियाणा से लगती पंजाब की खनौरी और डबवाली बॉर्डर भी तीन दिन से बंद हैं। उधर, आंदोलन को खत्म करवाने के लिए आज फिर 3 केंद्रीय मंत्री चंडीगढ़ में किसान नेताओं से मीटिंग करेंगे। 7 दिनों में दोनों पक्षों के बीच ये तीसरी मीटिंग होगी।

इस बीच, किसान नेता सरवण सिंह पंधेर​​​​​ ने कहा- केंद्र को आवाज सुननी पड़ेगी, अन्यथा जो होगा ठीक नहीं होगा। हमारी आज केंद्रीय मंत्रियों के साथ मीटिंग है और हम चाहते हैं कि PM मोदी उनसे बातचीत करें ताकि हम अपनी मांगों के समाधान तक पहुंच सकें।पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने कहा- राहुल गांधी का बड़ा अच्छा बयान आया है कि हम MSP गारंटी लेकर आएंगे। पंजाब में कांग्रेस सरकार ने किसानों के दो लाख तक के कर्ज माफ किए। मनमोहन सिंह की सरकार आई तो 1.44 लाख करोड़ रुपए तक का कर्ज माफ किया गया, लेकिन आज की केंद्र व राज्यों की सरकारें कर्जे के बारे में कोई बात नहीं करतीं। अब आखिर में किसानों को संघर्ष के रास्ते पर दोबारा से चलना पड़ा है। ये संघर्ष बहुत ताकतवर होने वाला है, इसलिए सरकार इस पर संजीदगी से विचार करे। इस मसले को तुरंत हल करे।रेवाड़ी के दिल्ली-जयपुर हाईवे पर स्थित जयसिंहपुर खेड़ा बॉर्डर पर सुरक्षा व्यवस्था और ज्यादा पुख्ता की गई है। यहां दोनों राज्यों (हरियाणा-राजस्थान) के पुलिस जवानों के अलावा RAF की भी तैनाती की गई है। साथ ही पुलिस की तरफ से डंपर, बड़े-बड़े बैरिकेड्स और भारी भरकम पत्थर भी लगाए जा रहे हैं।हरियाणा सरपंच एसोसिएशन ने किसानों का समर्थन कर दिया है। एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष रणबीर सिंह ने कहा कि किसानों के साथ सरकार ज्यादती कर रही है।

एसोसिएशन किसानों के साथ है और मीटिंग करके फैसला लिया गया है कि किसी भी पंचायत में न तो BJP के नेता और न ही JJP के नेता को घुसने दिया जाएगा। इनका बहिष्कार किया जाएगा।संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) आज दोपहर 11 से 2 बजे तक 3 घंटे के लिए पंजाब के सभी टोल प्लाजा फ्री करवाएगा।
भारतीय किसान यूनियन (उगराहां) ने आज पंजाब के 6 जिलों में दोपहर 12 से 4 बजे तक ट्रेनें रोकने का ऐलान किया है।
हरियाणा में भारतीय किसान यूनियन (चढ़ूनी ग्रुप) के प्रमुख गुरनाम चढ़ूनी ने भी आज 11 बजे अपने समर्थकों की इमरजेंसी मीटिंग बुला ली है।तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम स्टालिन ने कहा कि केंद्र सरकार ने दिल्ली-हरियाणा जैसे अन्य राज्यों में युद्ध जैसे हालात बना दिए हैं। चारों ओर बैरिकेडिंग, वाहनों को रोकने के लिए कीलें बिछाई गई हैं। सुरक्षाकर्मी तैनात हैं। बीजेपी सरकार ने किसानों के संघर्ष को दबाने के लिए युद्ध से खतरनाक माहौल बनाया है।किसानों की तरफ से 13 फरवरी को दिल्ली कूच का ऐलान किया गया था। पहले 2 दिन किसानों को पुलिस और सुरक्षा बल के जवान अंबाला के शंभू बॉर्डर पर ही रोकने में कामयाब रहे, क्योंकि यहां पर पुलिस ने 7 लेयर की सुरक्षा व्यवस्था की हुई थी। इसमें कंटीलें तार, सड़कों पर लोहे की कीलें, सड़कों के बीच में बड़े-बड़े अवरोधक, पत्थर डाले गए है, जिससे कोई बॉर्डर को क्रॉस ना कर पाए। पहले दिन किसानों ने पहले लेयर की सुरक्षा को भले ही तोड़ दिया, लेकिन पुख्ता इंतजाम होने के वजह से किसान आगे नहीं बढ़ सके। आज तीसरे दिन भी यही हालात हैं।पंजाब से दिल्ली कूच के लिए निकले हजारों किसानों के लिए राजधानी में प्रवेश करना इतना आसान नहीं है। पंजाब-हरियाणा के शंभू बॉर्डर पर पुलिस की कई लेयर पार करने के बाद किसानों को अंबाला से दिल्ली तक करीब 200 किलोमीटर की दूरी तय करनी होगी, लेकिन इस बीच हर 30 से 40 किलोमीटर की दूरी पर पुलिस ने किसानों को रोकने के लिए पुख्ता इंतजाम किए गए हैं।

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