सरकार और किसान नेताओं के बीच अब तक चार दौर की वार्ता हो चुकी है। हालांकि अब तक किसी भी दौर की वार्ता में कोई सहमति नहीं बन पाई है। इस बीच सरकार की ओर से किसानों को एक प्रस्ताव दिया गया है। इस प्रस्ताव पर अगले दो दिनों में किसानों द्वारा फैसला लिया जा सकता है।
किसान आंदोलन का आज सातवां दिन है। विभिन्न मांगों को लेकर किसान और सरकार के बीच चौथे दौर की वार्ता भी विफल रही। चंडीगढ़ में रविवार रात किसान नेताओं और केंद्र के बीच शुरू हुई चौथे दौर की वार्ता एमएसपी व कर्जमाफी की बात पर फंस गई। चौथे दौर की वार्ता में केंद्रीय कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा, पीयूष गोयल व नित्यानंद राय ने कमेटी बनाने की बात कही, लेकिन किसान संगठन कमेटी बनाने के पक्ष में नहीं दिखे।
हालांकि, केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने किसानों के प्रतिनिधियों के साथ हुई इस बैठक को सकारात्मक बताया। उन्होंने कहा कि किसान नेता जल्द ही सरकार के प्रस्तावों पर अपने फैसले की घोषणा करेंगे।
सरकार के साथ चार दौर की वार्ता के बाद किसान अब भी दिल्ली से सटे दूसरे राज्यों की सीमाओं पर डटे हैं। पंजाब किसान मजदूर संघर्ष समिति के महासचिव सरवन सिंह पंढेर के मुताबिक, किसानों का ‘दिल्ली चलो’ मार्च जारी रहेगा।
किसान नेता जगजीत सिंह ने कहा कि सरकार ने हमें एक प्रस्ताव दिया है, जिसकी निगरानी और प्रबंधन दो सरकारी एजेंसियां करेंगी। हम अपने मंचों और विशेषज्ञों के साथ सरकार के एमएसपी पर दिए प्रस्ताव पर चर्चा करेंगे और फिर बाद में ही कुछ इस पर निर्णय लेंगे। उन्होंने कहा कि हमारा ‘दिल्ली चलो मार्च’ मांगें पूरी होने तक जारी रहेगा।
सरकार और किसान नेताओं के बीच अब तक चार दौर की वार्ता हो चुकी है। पहली बैठक 8, दूसरी बैठक 12 और तीसरी बैठक 15 फरवरी को हुई थी, लेकिन इसमें कोई सहमति नहीं बन पाई।