यूपी के आरिफ और सारस पक्षी की दोस्ती की कहानी से भला कौन अनभिज्ञ होगा. लेकिन आज हम आपको एक कबूतर और शाहबाज अली की दोस्ती की कहानी बताने जा रहे हैं. इस दोस्ती के कारण ही सीवान जिले के चांदपाली गांव के रहने वाले शाहबाज अली इन दिनों चर्चा में हैं. शाहबाज और कबूतर की दोस्ती देखकर आप भी हैरत में पड़ जाएंगे. हालांकि, जिन लोगों ने भी कबूतर और शाहबाज की इस अनोखी दोस्ती को देखा, वह कौतूहल भरी नजरों से देखते रह गए.
शाहबाज अली सीवान के चांदपाली गांव के रहने वाले हैं. इन्होंने अपने दोस्त कबूतर का नाम संजू रखा हुआ है. वे बताते हैं कि 5 साल पहले एक कबूतर के बच्चे को लेकर आए थे. जिसका नाम उन्होंने संजू रखा. आज संजू बड़ा हो चुका है. इन वर्षों में शाहबाज और संजू में अच्छी बॉन्डिंग हो गई है. शाहबाज अली की हर एक बातों को संजू समझता है और उसपर रिएक्ट भी करता है. यही वजह है कि पिछले 5 सालों से दोनों की दोस्ती कायम है. शाहबाज के साथ ही संजू कबूतर घूमने जाता है और उनके साथ ही रहता है
आपने कबूतरबाजी और कबूतरों का रेस देखा और सुना भी होगा. लेकिन कबूतर और बाइक की रेस ना तो आपने कभी देखा होगा और ना ही सुना होगा. लेकिन संजू ने बाइक के साथ रेस लगाकर सबको दंग कर दिया है. जिस किसी ने देखा और सुना वह दंग रह गया. ऐसा संभव कर दिखाया है संजू कबूतर ने. जी हां, संजू बाइक के साथ प्रतिदिन रेस लगाता है. जब उसके मालिक शाहबाज बाइक पर बैठकर चलने लगते हैं, तो संजू बाइक की रफ्तार से उड़ते हुए रेस लगाता है.
शाहबाज अली बताते हैं कि वे फिलहाल तीन कबूतरों को पाले हुए हैं. जिसमें से दो कबूतर को अभी ट्रेंड किया जा रहा है. जबकि गिरबाज कबूतर संजू ट्रेंड है. उन्होंने बताया कि कबूतरों को ट्रेंड करने के लिए एकांत जगह लेकर जाते हैं. लंबा समय देने के बाद वे यह सब सीख पाते हैं. कबूतर बोल तो नहीं सकते हैं, लेकिन आवाज पर रिएक्ट करते हैं