लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा की ओर से विपक्षी दलों में चलाए जा रहे सेंधमारी के अभियान में पार्टी अब सपा, कांग्रेस और बसपा की जमीन कमजोर करने तैयारी में जुटी है। लोकसभा चुनाव की अधिसूचना से पहले सपा के कुछ विधायक, बसपा के सांसद और विपक्षी दलों के पदाधिकारियों को भाजपा में शामिल होंगे। भाजपा ने विधानसभा क्षेत्र स्तर पर विपक्षी दलों के बूथ, वार्ड, मंडल, सेक्टर स्तर के एक से दो हजार कार्यकर्ताओं को पार्टी में शामिल कराने की तैयारी की है। पार्टी की रणनीति है कि विपक्षी पार्टियों का बूथ स्तर पर बस्ता उठाने वाला भी न बचे।
पार्टी के एक उच्चपदस्थ पदाधिकारी का कहना है कि राज्यसभा चुनाव में आठवां प्रत्याशी उतारना सामान्य नहीं हैं। पार्टी ने सोची समझी रणनीति के तहत यह कदम उठाया है। पार्टी ने लोस चुनाव से पहले सपा में सेंधमारी की रणनीति के तहत यह प्रयोग किया है। चुनाव में सपा के कुछ विधायक भाजपा के प्रत्याशी को मतदान करेंगे। सपा के कुछ विधायकों और बसपा के एक-दो सांसदों को पार्टी में शामिल कराने के लिए प्रदेश सरकार के तीन चार मंत्री प्रयास कर रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक सपा के विधायक, पार्टी में शामिल होने पर उचित सम्मान और समायोजन चाहते हैं। वहीं बसपा के सांसद लोकसभा चुनाव में टिकट चाहते हैं। भाजपा को उम्मीद है कि चुनाव में बसपा के एक मात्र विधायक उमाशंकर सिंह का वोट भी पार्टी प्रत्याशी को मिलेगा। राज्यसभा चुनाव में आठ सीटें जीतकर न सिर्फ भाजपा राज्यसभा में मजबूत होगी, बल्कि प्रदेश में विपक्षी दलों के खिलाफ माहौल बनेगा। इसका सीधा असर उनकी चुनावी तैयारी, कार्यकर्ताओं के मनोबल पर भी पड़ेगा।
विधानसभा क्षेत्र स्तर पर होंगे ज्वाइनिंग के बड़े कार्यक्रम
भाजपा के एक प्रदेश पदाधिकारी ने बताया कि विधानसभा क्षेत्र स्तर पर आने वाले दिनों में बड़े पैमाने पर ज्वाइनिंग के कार्यक्रम होंगे। हर कार्यक्रम में विपक्षी दलों के एक से दो हजार लोगों को भाजपा में शामिल कर क्षेत्र में माहौल बनाया जाएगा। पार्टी की योजना है कि लोकसभा चुनाव से पहले विपक्षी दलों की जमीनी स्थिति को कमजोर करना। इसके लिए बूथ से लेकर विधानसभा क्षेत्र स्तर पर सक्रिय कार्यकर्ताओं को भाजपा में शामिल कराया जाएगा। पार्टी सांसद, विधायक, पदाधिकारियों के साथ वैचारिक संगठनों के पदाधिकारी भी इस अभियान में लगाए गए हैं।
आठवीं सीट बनी प्रतिष्ठा का सवाल
राज्यसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी संजय सेठ के रूप में आठवीं सीट पार्टी के लिए प्रतिष्ठा का प्रश्न बन गई है। इसे जीतने के लिए एक छोर पर पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी और महामंत्री संगठन धर्मपाल सिंह वोटों की गणित सेट करने में जुटे हैं। दूसरे छोर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, ब्रजेश पाठक, संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना, परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह, सहकारिता मंत्री जेपीएस राठौर, सुभासपा अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर भी वोट जुटाने में लगे हैं। सूत्रों के मुताबिक आठवां प्रत्याशी उतारने का निर्णय पार्टी के शीर्ष नेतृत्व के स्तर से हुआ है इसलिए उनका निर्णय सही साबित करना है।