70 के दशक के सबसे हैंडसम हीरोज में गिने जाने वाले विनोद मेहरा की आज 79वीं बर्थ एनिवर्सरी है। 13 फरवरी 1945 को जन्मे विनोद अगर आज जिंदा होते तो 79वां जन्मदिन मना रहे होते, लेकिन अफसोस कि महज 45 साल की उम्र में हार्ट अटैक आने से उनका निधन हो गया। विनोद मेहरा अपने इकलौते बेटे का चेहरा तक नहीं देख सके, जिसका जन्म उनकी मौत के 8 महीने बाद हुआ था।
विनोद मेहरा ने अमर प्रेम, घर, जानी दुश्मन, नौकर बीवी का जैसी करीब 100 बेहतरीन फिल्मों में काम कर बड़ा नाम बनाया, लेकिन उनकी निजी जिंदगी हमेशा ट्रैजडी से भरी रही। 4 शादियों के बावजूद, विनोद मेहरा सालों तक तनहा रहे।
विनोद ने रेखा से पहली शादी की थी, लेकिन अफसोस कि शादी के चंद घंटों बाद ही परिवार ने रेखा से बदसलूकी कर दोनों को अलग कर दिया। परिवार के दबाव में विनोद ने दूसरी शादी तो कर ली, लेकिन वो खुश नहीं रह सके।
इस बीच उनकी जिंदगी में एक्ट्रेस बिंदिया गोस्वामी आईं। विनोद ने बिंदिया को अपनाना चाहा तो पत्नी के परिवार ने उन्हें इतना धमकाया कि जान बचाने के डर से उन्हें होटलों में छिपकर रहना पड़ा।
सब ठीक होने का इंतजार था कि बिंदिया ने भी एक डायरेक्टर के लिए उनका साथ छोड़ दिया। आखिरकार उन्हें चौथी पत्नी से प्यार मिला, लेकिन शादी के महज 2 साल बाद ही उनकी मौत हो गई।भारत की आजादी के बाद परिवार अमृतसर से बॉम्बे पहुंचा
विनोद मेहरा का जन्म 13 फरवरी 1945 को अमृतसर के पंजाबी परिवार में हुआ था। उनके पिता परमेश्वरी दास एक बिजनेसमैन थे, जो भारत को आजादी मिलने के ठीक बाद बिजनेस करने के लिए अमृतसर से बॉम्बे (अब मुंबई) आए थे। बॉम्बे में परमेश्वरी दास की बहन शारदा, हिंदी सिनेमा से जुड़ीं और छोटे-मोटे रोल करने लगीं।
महज 10 साल की उम्र से अभिनय करने लगे विनोद मेहरा
बुआ की मदद से विनोद को महज 10 साल की उम्र में 1955 की फिल्म अद्ल-ए-जहांगीर में चाइल्ड आर्टिस्ट का काम मिल गया। इसके बाद 13 साल के विनोद 1958 की फिल्म रागिनी में भी नजर आए। 1960 की फिल्म बेवकूफ में विनोद ने किशोर कुमार के बचपन का रोल प्ले किया था।
बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट काम करते हुए ही विनोद ने बॉम्बे में रहकर सांताक्रूज स्थित सेक्रेड हार्ट बॉयज हाई स्कूल से पढ़ाई पूरी की और फिर सेंट जेवियर कॉलेज में बैचलर डिग्री लेने के लिए दाखिला ले लिया।
ऑल इंडिया कॉन्टेस्ट में राजेश खन्ना को दिया तगड़ा कॉम्पिटिशन
पढ़ाई के बीच 20 साल की उम्र में विनोद मेहरा ने ऑल इंडिया टैलेंट कॉन्टेस्ट में हिस्सा लिया था, जिसे यूनाइटेड प्रोड्यूसर्स एंड फिल्मफेयर द्वारा ऑर्गेनाइज किया गया था। देशभर के 10 हजार युवाओं ने इस कॉम्पिटिशन में हिस्सा लिया था। 10 हजार लोगों को पीछे छोड़कर राजेश खन्ना ने इस कॉम्पिटिशन में जीत हासिल की और विनोद मेहरा ने उन्हें कड़ी टक्कर देकर दूसरा स्थान हासिल किया था।
इस कॉम्पिटिशन के बाद राजेश खन्ना को फिल्मों में काम मिलने लगा, लेकिन विनोद को कोई फायदा नहीं मिला।एक रेस्टोरेंट में खुल गए किस्मत के ताले, मिल गई फिल्म
एक दिन विनोद मेहरा अपने कुछ दोस्तों के साथ मुंबई के मशहूर गेलॉर्ड रेस्टोरेंट में बैठे हुए थे, जहां उन पर मशहूर डायरेक्टर रूप के. शौरी की नजर पड़ गई। रूप के. शौरी ने उन्हें अपने दफ्तर बुलाया और उन्हें 1971 की फिल्म एक थी रीटा में कास्ट कर लिया। 1971 में रिलीज हुई ये फिल्म जबरदस्त हिट रही। जिससे विनोद को पूरे देश में पहचान मिल गई। यहां से विनोद मेहरा ने बतौर हीरो करियर की दूसरी पारी शुरू की।