संस्कृति व प्रकृति संरक्षण अभियान अंतर्गत ऐतिहासिक पौराणिक स्थल गेरुकाधाम से नदि संवाद पैदल यात्रा निकाला गया जो गेरुका नदी के उद्धम स्थल तक पहुचने पर सम्पन्न किया गया । ऐतिहासिक, धार्मिक, साँस्कृतिक ही नही आर्थिक महत्त्व के लिए भी जीवनदायनी रहे गेरुकाधाम नदि को संरक्षण करने के उद्देश्य के साथ शुरू किए गए साप्ताहिक गेरुका नदी सफाई अभियान के एक वर्ष पूर्ण होने के अवसर मे सम्पुर्ण सरोकारवाला को ध्यानाकर्षण करने के लिए गेरुका नदि के संगम स्थल जनकपुर धाम के धनुषा जिले के लोहारपट्टी नगरपालिका के पिपराढी के संगम स्थल से उदगम स्थल भंगहा नगरपालिका के कबिलासा/धरमपुर तक नदि संवाद पैदल यात्रा सम्पन्न किया गया । उक्त यात्रा गेरुका नदि के संगम स्थल गेरुकाधाम मे रहे गेरुका माता के संकल्प पूजा अर्चना पश्चात यात्रा को प्रमुख अतिथि मधेश प्रदेश के खेलकुद तथा समाज कल्याण मंत्री सुरिता साह ,प्रदेश सांसद राम आशीष यादव के द्वारा ब्यानर हस्तान्तरण कर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया गया ।
उक्त अवसर मे एकडारा गाँवपालिका प्रमुख दिप नारायण मंडल, पुर्व सांसद मंजु यादव समाजसेवी अमरचन्द्र अनिल भाईजी, पत्रकार महासंघ मधेश प्रदेश अध्यक्ष राजेशकुमार कर्ण मित्र राष्ट्र भारत से आए पर्यावरण अभियानी राजेश कुमार शर्मा वन अधिकृत पर्यावरण अभियंता सुरेश शर्मा, पर्यावरण अभियनी हरिश्चंद्र यादव, राम हृदय यादव, बृज किशोर यादव के द्वारा कार्यक्रम मे शुभकामना व्यक्त किया । वही पर्यावरण अभियानी के द्वारा नदी संरक्षण सम्बन्धी विभिन्न प्लेकार्ड पोस्टर व ब्यानर के साथ पिपराढी गाँव पररीया व लोहारपट्टी होते हुए गेरुका नदी के उद्गमस्थल भंगहा नगरपालिका के वार्ड संख्या 1,2,8 कविलासा, धर्मपुर व सिंगयाही गाँव के बीच मे रहे उद्गम स्थल पहुचने पर पुग्दा भँगहा के उपमेयर शान्ती कुमारी सिंह, वार्ड अध्यक्ष लक्ष्मीनारायण साह व ईन्द्र शेखर पँजियार सहित स्थानीय नागरिकों के द्वारा अभियानी को भब्य स्वागत सम्मान किया गया इसके पश्चात स्थानीय नागरिक के साथ अभियानी के द्वारा उद्गमस्थल का स्थलगत निरीक्षण कर जलाधार के संरक्षण ,सफाई व पर्याप्त पर्यटन के विकास के सम्भावना के बिषय मे चर्चा की गयी व पौराणिक कथाओं मे उल्लेख किए गए गेरुका नदी को रामायण सर्किट से जोड़ने को लेकर चर्चा की गयी वही एक वर्ष पूर्व संगम स्थल से दिव्यांग अवस्था मे स्वामी प्रजाति के पौधे को उद्धार कर गमला मे रखे गए पौधे उद्गम स्थल मे रोपण किया गया । सामूहिक रुप मे रोपन किए गए पौधे के
बारे में चर्चा करते हुए पर्यावरण अभियानी सुरेश शर्मा ने कहा कि इस पौधा रोपण से संगम स्थल से लेकर उद्गमस्थल तक के गाँव के साथ सम्बन्ध स्थापित होने के साथ ही पर्यावरण व जैविक विविधता संरक्षण के अभियान मे लगे अभियन्ता के बीच सुमधुर सम्बन्ध कायम करने मी मिल का पथर साबित होगा।
गेरुका नदी मे जल अबिरल बहे इसके लिए लिया गया प्रतिबद्धता ।
पर्यावरण अभियानी के द्वारा गेरुका नदी के मे जल की धारा अबिरल बहे इसके लिए प्रतिबद्धता जाहिर करते हुए कहा कि नदी के
किनारा को अतिक्रमणमुक्त किया जाने के साथ ही इसी
बर्षा बरसात के समय नदी किनारे के जलाधार क्षेत्र मे वृक्षारोपण किए गए पौधे को नही काटने के साथ
हरेक प्रकार से नदी को प्रदुषण मुक्त राख संरक्षण करने,
उद्गम से संगम स्थल तक के स्थानिय नागरिक के बिच नदी संरक्षण के सवाल मे बहस व सहयोग सहकार्य करने
प्लाष्टिक पोलिथिन प्रयोग को न्युनिकरण गर्ने व
जलाधार क्षेत्र को संरक्षण कर पर्यापर्यटन संचालन करने सहित अन्य प्रतिबद्धता जाहिर किया है।वही गेरुका नदी के
संगमस्थल पिपराढी गाँव से उद्गमस्थल तक की करिब दस कि.मि. तक किए गए इस पैदल यात्रा मे गेरुका नदी संरक्षण सरसफाई अभियान के अभियानी के अतिरिक्त दुधमती नदी संरक्षण अभियान के अभियन्ता सुदीप मंडल, कारिखस्थान सरसफाई संरक्षण अभियान के अभियन्ता सजय यादव, क्योर केयर भ्रमरपुरा के प्रवीन शर्मा, जयराम ठाकुर, समेतका 107 अभियानी पैदल यात्रा मे सहभागी थे ।