एक्टर करण मेहरा को टीवी शो ‘ये रिश्ता क्या कहलाता है’ में नैतिक का किरदार निभाने के लिए पहचाना जाता है। वैसे, यह कम ही लोग जानते होंगे कि करण ना सिर्फ छोटे परदे पर बल्कि बॉलीवुड में भी काम कर चुके हैं। करण ने करियर की शुरुआत में ही राजकुमार हिरानी और राम गोपाल वर्मा जैसे निर्देशकों के असिस्टेंट के तौर पर काम किया।
इसके बाद उन्होंने एक्टिंग क्लासेस लीं और साल 2008 में प्रियंका चोपड़ा और हरमन बावेजा स्टारर फिल्म ‘लव स्टोरी 2050’ से बतौर एक्टर डेब्यू भी किया था। हालांकि, इसके बाद उन्हें कोई मेनस्ट्रीम फिल्म ऑफर नहीं हुई।
करण ने NIFT से डिजाइनिंग की पढ़ाई भी की। वो मॉडलिंग और फैशन डिजाइनिंग भी कर चुके हैं। इसी बीच उन्हें टीवी शो ‘ये रिश्ता क्या कहलाता है’ में नैतिक के किरदार के लिए ऑफर मिला। इस शो के बाद से करण मेहरा घर-घर पहचाने जाने लगे। हालांकि, करण का कहना है कि आज भी अगर एक मौका मिले तो वे फिर से बॉलीवुड में अपनी किस्मत आजमाना चाहेंगे।
इन दिनों, करण अपने कमबैक शो ‘मेहंदी वाला घर’ को लेकर चर्चा में हैं। इस हफ्ते ‘स्टार टॉक्स’ में करण ने हमसे अपनी जिंदगी के कई किस्से शेयर किए। हमेशा से फिल्में करना चाहता था, सीरियल कभी नहीं
मैं हमेशा से फिल्में करना चाहता था, सीरियल कभी नहीं। मैं हीरो बनना चाहता था। मैं इस मेंटालिटी के साथ मुंबई आया था कि टीवी सीरियल करने से एक एक्टर की लाइफ खत्म हो जाती है। मुझे तकरीबन 5 साल लगे अपनी इस मेंटालिटी को बदलने के लिए।
हालांकि, इस बीच मैंने 4 साल तक कैमरा के पीछे काम किया है। कभी असिस्टेंट डायरेक्टर तो कभी फैशन स्टाइलिस्ट बनकर। मैंने कई सारे एड में भी बतौर स्टाइलिस्ट काम किया है। अमिताभ बच्चन, शाहिद कपूर, जिमी शेरगिल, युवराज सिंह, शक्ति कपूर, राजपाल यादव, MDH मसाला के मालिक जैसी कई फेमस हस्तियों के साथ काम किया। मेरा मोटिव क्लीयर था कि मैं इस इंडस्ट्री में किसी भी तरह टिकना चाहता था।
8 महीने तक मैंने फिल्ममेकर राम गोपाल वर्मा के साथ बतौर असिस्टेंट डायरेक्टर काम किया। डायरेक्टर राजकुमार हिरानी के साथ भी विज्ञापन किए। जब तक काम अच्छा नहीं मिला तब तक हर फील्ड में ट्रेनिंग ली।मुझे मेनस्ट्रीम हीरो के तौर पर नहीं देखा गया
2008 में रिलीज हुई प्रियंका चोपड़ा और हरमन बावेजा स्टारर फिल्म ‘लव स्टोरी 2050’ के लिए मुझे ऑस्ट्रेलिया जाने का मौका मिला था। उस वक्त मुझे उम्मीद थी कि मैं बॉलीवुड में अपनी जगह बना लूंगा। ज्यादातर एक्टर्स मुंबई में फिल्मों के लिए ही कोशिश करते हैं। लेकिन बॉलीवुड जॉइन करना आसान नहीं। मुझे मेनस्ट्रीम हीरो के तौर पर नहीं देखा जाता था। काफी इंतजार करने के बाद, मैंने टीवी शोज की तरफ रुख किया।
हालांकि, ऐसा नहीं है कि मैंने बॉलीवुड के लिए अपने सारे दरवाजे बंद कर दिए हैं। ऐसे कई एक्टर्स हैं जिनकी सक्सेस पर उम्र का असर नहीं पडता, हो सकता हैं मेरे साथ भी कुछ ऐसा ही हो।लोग मुझे सिर्फ पॉजिटिव किरदार में देखना चाहते हैं लेकिन मैं नहीं…trong>…
ये रिश्ता क्या कहलाता है’ के नैतिक को खुद से दूर धकेलना मुश्किल है। हालांकि, मुझे खुशी है कि मुझे दर्शकों से इतना प्यार मिला। नैतिक हमेशा मेरे साथ रहेगा पर दिक्कत ये है कि जब मैंने नेगेटिव रोल्स के लिए ऑडिशन दिया तो मेकर्स को लगा कि लोग मुझे एक पॉजिटिव किरदार में देखने के आदी हैं। अब यह बोझ मेरे कंधे पर बहुत भारी है।
उम्मीद है कि मुझे अलग-अलग जोनर में काम करने का मौका मिलेगा। मैं करना तो नेगेटिव रोल करना हैं जोकि कोई करने नहीं देता। मेरी शक्ल देख के सब राम-राम चिल्लाना शुरू कर हैं। कई लोग कहते हैं की तुझे श्री राम का किरदार निभाना चाहिए। अब उन्हें कैसे समझाया जाए?बच्चनजी के साथ बिताया वो दिन आज तक भूल नहीं पाया
मैं अमिताभ बच्चन का बहुत बड़ा फैन हूं। बचपन से उनकी ही फिल्में देखकर बड़ा हुआ हूं। मैं उन्हें हमारी इंडस्ट्री का सबसे बड़ा स्टाइलिस्ट मानता हूं। उनका सेल्फ कॉन्फिडेंस वाकई में कमाल है। साल 2006 में एक काम के सिलसिले में मेरी बच्चन साहब से मुलाकात हुई थी। उस वक्त, जो बच्चन साहब की डिजाइनर थीं उनको मैं असिस्ट कर रहा था।
मैं उस डिजाइनर के साथ बच्चन साहब के एक एड शूट पर गया था। उन्हें उस आउटफिट के साथ पॉकेट में एक पाउच कैरी करना था तो बच्चन साहब ने मुझसे पूछा क्या यह पाउच भी कैरी करना जरूरी है? मैंने हां कहा और बच्चन जी तुरंत मान गए। फिर उसके बाद उनका कोई ट्रेलर लॉन्च था तो बच्चन साहब ने मुझे अपने डिजाइनर के साथ ट्रेलर लॉन्च के लिए भी बुलाया था। बच्चनजी के साथ बिताए उस दिन को मैं आज तक भूला नहीं पाया हूं।