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मूर्ती कला में निपुण बेटी पिता के कंधे को मजबूत कर बन रही आर्थिक रूप से सशक्त व समृद्ध।

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कटिहार जिला के कोढ़ा प्रखंड के महिनाथपुर पंचायत निवासी कलानंद मालाकार की दो पुत्रियां मनीषा व रीमा कुमारी विगत कई वर्षों से विभिन्न प्रकार की भगवान की प्रतिमा को अंतिम रूप से तैयार कर अपने पिता के कंधे को मजबूत कर आर्थिक रूप से सशक्त व समृद्ध बन रही है।उनकी पुत्री ने बताई की बचपन में ही हमारी मां मुझे और हमारे पिता को छोड़कर कर स्वर्गवास हो गया था साथ ही मेरे पिता के पिछे चार पुत्री को छोड़ गए मेरा कोई भाई भी नहीं है तब से मेरे पिता अक्सर बीमार रहने लगे अपने बिमारी की बोझ के साथ हम सभी बहनों की पढ़ाई लिखाई दवाई व अन्य घरेलू खर्चें का बोझ पिता को झेलना पड़ रहा था।इसी बीच हम सभी बहनों ने विगत 18 वर्षों से पिता के साथ मूर्ति  निर्माण कार्य में मदद को हाथ बढ़ाया  जो आज मेरी मेहनत रंग लाकर हम सभी बहनें मुर्ती निर्माण कला में निपुण होकर पिता को आर्थिक रूप से सशक्त व समृद्ध बनाने के कार्य में सफलता तक ले गई। उक्त बातें उनकी पुत्री मनीषा ने कोढ़ा नगर पंचायत के मुख्य बाजार चौक गेराबारी में पुराने अस्पताल परिसर के सामने आगामी आयोजित होने वाली विद्या की देवी मां सरस्वती पूजा के प्रतिमा को अंतिम रूप देने के दौरान बताई । इस क्रम में उनके पिता ने बताया कि हमारे इस रोजगार में हमारे सभी बेटियों का अहम योगदान रहा है उनके ही बलबूते आज मैं मूर्ति  निर्माण कर अपना जीवको पार्जन खुशहाल जीवन के साथ चला रहे हैं साथ ही सभी बेटियों को शिक्षा भी प्राप्त करा रहे हैं। मूर्ति निर्माण कार्य में अब हमें सभी पर्व त्योहार में अच्छी खासी आमदनी भी हो रही है।  साथ ही उनके पिता ने समाज को संदेश देते हुए बताया कि बेटियां बोझ नहीं होती बेटियां को किसी भी क्षेत्र में आप जिस हुनर में निपुण होते हैं उसे हुनर का कला सिखाते हुए अपनी बेरोजगारी को मिटाने के साथ-साथ आप भी आर्थिक रूप से सशक्त और समृद्ध हो सकते हैं।

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