जिन लोगों को हमने नियोजित शिक्षक के रूप में बहाल किया था। हमने सोच लिया है कि उनके लिए एक मामूली परीक्षा का आयोजन करेंगे और उन्हें भी परमानेंट सरकारी बनाएंगे।’
यह घोषणा बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 2 नवंबर 2023 को गांधी मैदान के मंच से की थी। जब चुनाव सिर पर आया तो इसमें तेजी दिखी, लेकिन विभाग के एसीएस केके पाठक ने रोड़ा अटका दिया। शर्त ऐसी रखी कि नियोजित शिक्षक पहले उग्र हुए और अब डिप्रेशन में जा रहे हैं। उनके सामने कई चुनौतियां हैं। पहले बच्चों को पढ़ाएं या तैयारी करें।
बिहार में साढ़े तीन लाख में से एक लाख शिक्षक 20 साल से पढ़ा रहे हैं। वे कंप्यूटर फ्रेंडली नहीं है। सक्षमता परीक्षा ऑनलाइन होनी है। विभाग भी इसे समझ रहा है, इसलिए ट्रेनिंग दे रहा है, लेकिन वह पूरी तरह ट्रेंड नहीं हो पाए हैं।साल 2003 से 2022 के बिहार के साढ़े तीन लाख से अधिक नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा देने के लिए ये परीक्षा ली जा रही है। इसे पास करने के बाद सभी नियोजित शिक्षक राज्यकर्मी बन जाएंगे। यह मांग कई सालों से बिहार के यह शिक्षक कर रहे थे। इनकी इस मांग को लेकर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सक्षमता परीक्षा का ऐलान कर राज्यकर्मी बनाने का वादा किया था। सभी नियोजित शिक्षकों में खुशी की लहर दौड़ी। वजह- मामूली परीक्षा देने की बात कही गई थी।
अब जब समय आया तो पता चला कि परीक्षा बिहार बोर्ड कंडक्ट करवाएगी। वहीं, परीक्षा का पैटर्न बीपीएससी ने तैयार किया है, जोकि ऑनलाइन मोड में होगा। मगर अब इसमें केके पाठक ने सरकार से कुछ टर्म्स एंड कंडीशन जोड़ने की मांग की है। जिससे सभी नियोजित शिक्षक सहमत नहीं हैं।
अब जानिए केके पाठक के टर्म्स एंड कंडीशन
शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने सक्षमता परीक्षा में कुछ टर्म्स एंड कंडीशन जोड़ने के लिए सरकार से इजाजत मांगी है। अगर सरकार नियोजित शिक्षकों के लिए होने वाले सक्षमता परीक्षा में जोड़े जाने वाले केके पाठक की शर्तों को मान लेती है, तो कई शिक्षकों को उनकी नौकरी जाने का भी खतरा बन जाएगा।
शिक्षकों की सक्षमता परीक्षा का आयोजन बिहार विद्यालय परीक्षा समिति करेगी जो ऑनलाइन ली जाएगी। सभी शिक्षक ऑनलाइन मोड में परीक्षा दे सके, इसके लिए सभी जिलों में कंप्यूटर प्रैक्टिस केंद्र बनाए गए हैं। जहां जा कर सभी शिक्षक ऑनलाइन परीक्षा की प्रैक्टिस कर सकते हैं।
शर्तों के मुताबिक 26 फरवरी 2024 को सक्षमता परीक्षा का पहला अटेम्प्ट लिया जाएगा। उसके बाद उसके परिणाम की घोषणा करने के बाद 3 चरणों में लगातार और परीक्षाएं बिहार विद्यालय परीक्षा समिति की तरफ से आयोजित की जाएगी। चारों चरण जल्द ही पूरे कर लिए जाएंगे। अगर कोई शिक्षक इन चारों चरण में होने वाली परीक्षाओं में से 3 अटेम्प्ट की परीक्षा में नहीं बैठता है या 3 से कम अटेम्प्ट में बैठता है या फिर 3 अटेम्प्ट की परीक्षा में बैठने के बाद भी पास नहीं होता है, तो उसकी सेवा समाप्त कर दी जाएगी।चौथा अटेम्प्ट वैसे शिक्षकों के लिए आयोजित होगा, जो किसी व्यक्तिगत कारणों से पहले के 3 अटेम्प्ट की परीक्षा में शामिल नहीं हो पाते हैं। उस स्थिति में चौथे चरण में शिक्षकों के लिए परीक्षा ली जाएगी। सभी नियोजित शिक्षकों को यह सक्षमता परीक्षा देना अनिवार्य कर दिया गया है। शिक्षकों को अपनी नौकरी बचाने के लिए सक्षमता परीक्षा के किसी भी एक अटेम्प्ट में पास करना पड़ेगा। वहीं इस परीक्षा में लगातार 3 अटेम्प्ट में अगर कोई शिक्षक फेल करता है तो उनके कार्य को भी समाप्त कर दिया जाएगा।क्यों घबरा रहे नियोजित शिक्षक
बिहार के नियोजित शिक्षकों का कहना है कि सक्षमता परीक्षा के लिए सभी नियोजित शिक्षकों को 1 फरवरी से 15 फरवरी तक फॉर्म भरने का समय दिया गया है। परीक्षा फॉर्म भरने के दौरान शिक्षकों से तीन जिलों का विकल्प भी मांगा जा रहा है।
यानी जैसा परीक्षा का परिणाम होगा, उस मुताबिक उनका जिला आवंटित किया जाएगा। अगर शिक्षकों को परीक्षा में कम नंबर आता हैं तो उन्हें अपना जिला छोड़कर वहां जाना होगा, जहां शिक्षा विभाग उन्हें पोस्टिंग देगा।
इसके अलावा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मामूली परीक्षा का जिक्र किया था, लेकिन अब परीक्षा बीपीएससी पैटर्न पर बिहार बोर्ड कंडक्ट करवाने जा रहा है। इसमें ऐसे लगभग 1.5 लाख शिक्षक हैं, जिनकी भर्तियां पंचायत और नगर पंचायत स्तर पर की गई थी। वहीं 2 लाख से अधिक शिक्षक ऐसे हैं, जो सीटीईटी और एसटीईटी देकर नियोजित शिक्षक बने थे।क्या हैं चुनौतियां