देश में होने वाले आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर सभी पार्टियों ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। इस बीच, जनता दल (सेक्युलर) के संरक्षक और पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा ने गुरुवार को संकेत दिया कि अगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह चाहेंगे तो उनके बेटे और पूर्व मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी आगामी लोकसभा चुनाव लड़ सकते हैं।
पूर्व पीएम ने एक सवाल के जवाब में कहा कि अगर पीएम मोदी कहते हैं कि कुमारस्वामी को संसद का चुनाव लड़ना है तो वह कहीं से भी चुनाव लड़ सकते हैं। उन्होंने बताया कि कुमारस्वामी को कई सीटों से चुनाव लड़ने के लिए आमंत्रित किया जा रहा है। पूर्व पीएम देवेगौड़ा ने कहा कि पीएम मोदी और शाह को तय करना है कि कुमारस्वामी को दिल्ली आना है या नहीं।
JD(S) सुप्रीमो से पूछा गया कि क्या कुमारस्वामी मांड्या से लोकसभा चुनाव लड़ेंगे, जिस पर उन्होंने कहा कि अटकलें छोड़िए… पता नहीं पीएम मोदी क्या कहेंगे। यदि वह कहते हैं कि कुमारस्वामी को संसद चुनाव लड़ना है, तो वह कहीं से भी चुनाव लड़ सकते हैं और इस बारे में उन्हें किसी तरह की कोई दिक्कत नहीं है, चाहे वह मांड्या हो या यहां तक कि तुमकुरु या चिक्काबल्लापुरा। उन्हें कई सीटों से चुनाव लड़ने के लिए आमंत्रित किया जा रहा है।
उन्होंने आगे कहा कि दिल्ली आना है या नहीं यह फैसला पीएम मोदी और अमित शाह को करना है। हालांकि, मेरी जानकारी में इस तरह की कोई चर्चा नहीं हुई है। कुमारस्वामी को दिल्ली ले जाने और उन्हें केंद्रीय कैबिनेट में मंत्री बनाने की अटकलें हैं, लेकिन मेरे सामने ऐसी कोई चर्चा नहीं हुई है।
वहीं, पूर्व पीएम से जब पूछा गया कि क्या उनके पोते और कुमारस्वामी के बेटे निखिल कुमारस्वामी लोकसभा चुनाव लड़ेंगे, जिस पर उन्होंने कहा कि कुमारस्वामी उन्हें मैदान में उतारने के खिलाफ हैं और उन्हें इस पर फैसला करना होगा। उन्होंने कहा कि निखिल कुमारस्वामी के बारे में कुमारस्वामी को लगता है कि उन्हें चुनाव नहीं लड़ना चाहिए, लेकिन मांड्या में पार्टी के नेताओं ने एक सर्वसम्मत प्रस्ताव रखा है, जिसमें मांग की गई है कि निखिल कुमारस्वामी या कुमारस्वामी में से किसी एक को वहां से चुनाव लड़ना होगा, लेकिन कुमारस्वामी को इस पर अपनी मंजूरी देनी होगी।
पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा ने कहा कि लोकसभा चुनाव के लिए सीट बंटवारे को लेकर कुमारस्वामी ने हाल ही के दिनों में बीएस येदियुरप्पा, बसवराज बोम्मई और बीवाई विजयेंद्र जैसे कई भाजपा के राज्य नेताओं के साथ बैठक की थी। उन्होंने आगे कहा कि सीट बंटवारे के संबंध में मैं किसी भी तरह का हस्तक्षेप नहीं करूंगा और यह सब जिम्मेदारी कुमारस्वामी पर छोड़ दिया गया है।