कटिहार जिला के बारसोई में आज शनिवार को आदिवासी सेंगेल अभियान के बैनर तले जिला अध्यक्ष मुन्ना मुर्मू के नेतृत्व में एकदिवसीय सांकेतिक धरना प्रदर्शन राष्ट्रव्यापी रेल रोड चक्का जाम पूर्व में घोषित राष्ट्रीय अध्यक्ष पूर्व सांसद सालखन मुर्मू के आह्वान पर रेलवे जंक्शन बारसोई में रेल चक्का जाम किया गया। इसके उपरांत भारत के राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के नाम ज्ञापन पत्र रेलवे स्टेशन प्रबंधक को सौंपा गया। इस धरना प्रदर्शन में उपस्थित बिहार प्रदेश अध्यक्ष विश्वनाथ टुडू ने कहा कि आदिवासी सेंगेल अभियान के राष्ट्रीय अध्यक्ष पूर्व सांसद सालखन मुर्मू की आह्वान पर भारत के सात राज्य बिहार ,बंगाल, असम ,उड़ीसा अरुणाचल प्रदेश ,त्रिपुरा और झारखंड में एक दिवसीय सांकेतिक सरना धर्म कोड की मान्यता को लेकर धरना प्रदर्शन घोषित की गई थी ।उसी तर्ज पर हम लोग आज रेलवे स्टेशन बारसोई में ट्रेन चक्का जाम कर अपना ज्ञापन पत्र सौंपा गया। हम भारत के प्रकृति पूजक आदिवासियों को अब तक देश में संविधान प्रदत्त मौलिक अधिकार अनुच्छेद 25 के तहत धार्मिक मान्यता और न्याय अधिकार नहीं मिला है। सरना धर्म कोड भारत के प्रकृति पूजा लगभग 15 करोड़ आदिवासियों के अस्तित्व पहचान हिस्सेदारी की जीवन रेखा है । 2011 की जनगणना में 50 लाख आदिवासियों ने सरना धर्म लिखवाया था जबकि जैन धर्म की संख्या 44 लाख थी। फिर भी जैन धर्म को धार्मिक मान्यता के साथ कलम कोड मिला हुआ है। अतः आदिवासियों को मौलिक अधिकार से वंचित करना संवैधानिक अपराध जैसा है । आदिवासी हिंदू ,मुसलमान, ईसाई जैन , बौद्ध आदि नही है। धार्मिक गुलामी को मजबूर करना है सरना धर्म कोड की मान्यता मानवता और प्रकृति पर्यावरण की रक्षा भी अनिवार्य है। हम भारत के आदिवासी असली भूमि पुत्र हैं हमारे विशिष्ट भाषा संस्कृति सोच संस्कार जीवन जो प्रकृति पर्यावरण से जुड़े हुए हैं। प्रकृति को ही अपना पलनहार मानते हैं जो हमें जीवन शक्ति प्रदान करता है। अतः प्रकृति पूजक आदिवासियों के लिए एक धार्मिक पहचान अनिवार्य है। अन्यथा हमारा अस्तित्व पहचान समाप्त हो जाएगी। इसलिए भारत के राष्ट्रपति और केंद्र सरकार से सरना धर्म कोड की मान्यता को लेकर अविलंब प्रदान करें। हमारे मांगे इस प्रकार है*
1.*आदिवासियों की प्रकृति पूजक सरना धर्म कोड की मान्यता केंद्र सरकार को अविलंब देना होगा।*
2. *कुर्मी महत्तो को वोट बैंक की लालच में जेएमएम, टीएमसी कांग्रेस और बीजू जनता दल एसटी बनाने का समर्थन देना बंद करो।*
3. *असम अंडमान में रह रहे 50 लाख असली झारखंडी आदिवासी संथाल मुंडा हो पहाड़िया को एसटी का दर्जा देना होगा।*
4. *संताली भाषा एकमात्र राष्ट्रीय मान्यता प्राप्त बड़ी आदिवासी भाषा झारखंड में प्रथम राजभाषा का दर्जा अविलंब देना होगा।*
5. *आदिवासियों की ईश्वर मरांग बुरू अर्थात पारसनाथ पहाड़ गिरिडीह को हेमंत सोरेन 5 जनवरी को पत्र लिखकर जैनों को सौंप । उस मरांग बुरु पारसनाथ पहाड़ को वापसी आदिवासियों को दिया जाए।*
6. *आदिवासी स्वशासन व्यवस्था या ट्राइबल सेल्फ रूल सिस्टम संवैधानिक और जनतांत्रिक मूल्यों का समावेश और सुधार करना होगा। जिला अध्यक्ष ने कहा जब तक हमारे मांगे पूरी नहीं होगा तब तक हमारे आंदोलन और संघर्ष जारी रहेगी।*
* इस मौके पर उपस्थित अनील मरांडी, श्रवण कुमार सोरेन, श्यामलाल हेम्ब्रम,राजा मरांडी, प्रधान मुर्मू, अनील किस्कू आदि महिला व पुरुष मौजूद थे।*